भारत में खुम्बी उत्पादकों के दो समुह हैं एक जो केवल मौसम में ही इसकी खेती करते हैं तथा दूसरे जो सारे साल मशरूम उगाते हैं। भारत में व्यवसायिक रूप से तीन प्रकार की खुम्बी उगाई जाती है। बटन (Button) खुम्बी, ढींगरी (Oyster) खुम्बी तथा धानपुआल या पैडीस्ट्रा (Paddystraw) खुम्बी। तीनो प्रकार की खुम्बी को किसी भी हवादार कमरे या सेड में आसानी से उगाया जा सकता है। पैडीस्ट्रा खुम्बी की खेती मुख्यत: समुद्री किनारे वाले क्षेत्रों में की जाती है। यह गहरे रंग की तथा बहुत स्वादिष्ट किस्म है
भारत में धान पुआल मशरूम उगाने का सही समय।
Sowing Time of Paddy Straw Mushroom in India
भारत में धान पुआल मशरूम मई के मध्य से सितम्बर के मध्य तक उगाई जाती है।
धान पुआल खुम्बी की फसल के लिए 34 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान तथा
80-85% नमी या आद्रता उपयुक्त रहती है। इसे कमरे के अन्दर या कमरे के
बाहर खुले में, दोनो ही प्रकार से उगाया जाता है।
खुले में धान पुआल मशरूम की खेती।
Cultivation of Paddystraw mushroom in open
धान पुआल खुम्बी को
खुले में उगाने के लिए 100 cm लम्बी X 60 cm चौडी X 15-20 cm उंची ईंटो
की या मिट्टी की क्यारियां बनाते है। सीधी धुप तथा वर्षा से बचाने के लिए
इनके उपर शेड बना दिया जाता है। यह धान के पुआल में अकेले या उसमें कपास का कचरा बराबर मात्रा में मिलाकर उगाई जाती है। धान के पुआल को 7-8 सेमी मोटे व्यास के गट्ठर में बांध लें तथा उनको 70-80 सेंमी लम्बाई के आकार में काट लें। इसके बाद इन गट्ठरों को पानी भरे एक होद में 12 से 16 घंटे के लिए भीगने दैं। निश्चित समय के बाद पुआल को पानी से निकालकर फर्श पर बिछा दें। जिससे की अतिरिक्त पानी निकल जाए।
धान पुआल मशरूम की बुआई या स्पानिंग
Spaning of Paddy Straw Mushroom
मशरूम के बीज को स्पान कहतें हैं।
पहले से तैयार क्यारियों में उसी आकार के बॉंस का ढांचे बनाकर रखें। इन
ढांचों के ऊपर धान के पुआल के गट्ठर सटा सटा कर रख दें। सभी गट्ठरों का
बंधा सिरा एक ओर होना चाहिए। इसके ऊपर चार गट्ठर और रखें परन्तू इस बार
बंधा सिरा विपरीत दिशा में होना चाहिए। इस प्रकार से पहली परत तैयार हो
गयी। अब इस परत पर बीज बिखेर दें। अगर पहले से धानपुआल पर तैयार किया बीज
प्रयोग कर रहे हो तो उसके अंगूठे के बराबर आकार के टुकडे 4-5 सेंमी गहराई
में 10-12 सेंमी की दूरी पर रोपें। बीज के ऊपर धान या गेंहू की भूसी अथवा
चने का बेसन थोडी मात्रा में बिखेर दें। इस पहली परत के ऊपर उपरोक्त विधिनुसार पुआल के चार चार गट्ठर रखकर तथा बीजाई करके दूसरी परत बनाऐं। इसी प्रकार तीसरी व चौथी परत भी बना लें । अंत में गट्ठरों के इस ढेर को प्लास्टिक की पारदर्शी चादर से ढक दें। ध्यान रखें की यह चादर गट्ठरों को ना छुऐ।
बुआई के बाद धान पुआल मशरूम की देखभाल
Post spaning care of Paddy Straw Mushroom
बीजाई के 7-8 दिनो में
खुम्बी का कवक जाल पूरी तरह पुआल के अन्दर फैल जाएगा। कवक जाल के लिए 32
से 36 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान बहुत उपयुक्त रहता है। कवक जाल फैलने के
बाद प्लास्टिक की पारदर्शी चादर को उतार दें तथा यदि पुआल सूखा लगे तो
उसपर फुआरे से हलका पानी छिडक दें। बीजाई करने के लगभग 15-18 दिनों में क्यारियों में खुम्बीयां दिखाई देने लगेगी। जब खुम्बी का ऊपरी सिरा, झिल्ली (वोल्वा) के फटने के बाद, दिखाई देने लगे तभी खुम्बी को तोड लेना चाहिए।
पैडीस्ट्रा मशरूम की पैदावार तथा भंडारण
Production and storage of Paddy Straw Mushroom
पैडिस्ट्रा मशरूम
की पैदावार 10-12 दिनों तक चलती है। 100 किलाग्राम गीले पुआल से लगभग 12
से 13 किलो खुम्बी प्राप्त होती है। प्रत्येक क्यारी से 2-2.5
किलोग्राम खुम्बी निकलती है। धान पुआल या पैडीस्ट्रा खुम्बी बहुत नाजुक
होती है और फ्रिज में इनका भंडारण 2-3 दिनों के लिए ही किया जा सकता है।
धान पुआल या पैडीस्ट्रा खुम्बी की कमरे में उगाने की तकनीक
Cultivation technique of Paddy Straw Mushroom in room
कमरे में
बॉस या लोहे के एंगलों से रैक बनाऐं। एक के ऊपर एक 45 से 50 सेंमी ऊंची
चार रैक बनाई जा सकती हैं। सबसे नीचे बाली रैक जमीन से 25-30 सेंमी ऊपर
रहनी चाहिए। पैडीस्ट्रा खुम्बी की बंद कमरे में खेती एक विशेष विधि से
तैयार की गई कम्पोस्ट खाद पर की जाती है।
कम्पोस्ट बनाना और उसे रैक में भरना
Prepration of compost and filling it into the racks
कम्पोस्ट
खाद को दो भागों मे बनाया जाता है। धान के पुआल को फर्श पर बिखेर कर भिगो
दे, फिर भीगे हुए पुआल का ढेर बनाऐं जिसकी ऊचाई 1.5 मीटर तथा चौडाई 1.25
से 1.5 मीटर के बीच रखें। दो दिनों के बाद इस ढेर को खोलकर इसमे 5% भार के
हिसाब से धान की भूसी मिलाते हैं। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसका निम्न
विधि से निर्जीविकरण करते हैं। कम्पोस्ट का निर्जीविकरण करने के लिए कम्पोस्ट को पहले से ही भाप द्वारा 45 डिग्री ताप पर गर्म कमरे में रखते हैं। कमरा बंद करके इसको भाप से ही 60-65 डिग्री सेटीग्रेड तक गर्म करें तथा 2-3 घंटे तक यह ताप स्थिर रखें। इसके बाद कक्ष में ताजी हवा प्रवाहित करके इसका ताप धीरे धीरे 50-52 डिग्री पर आने दें। इस ताप को अगले 10 घंटे तक स्थिर रखें। इसके बाद ताजी हवा का प्रवाह दूबारा करें। अगले 4-5 दिनों में इसका ताप 34 से 35 डिग्री पर पॅहुच जाता है। सामान्य ताप होने पर बीजाई की जाती है। कम्पोस्ट तैयार होने के बाद रैक में इसकी 6 से 8 इंच मोटी परत या त ह बिछा देते हैं।
कमरे में धान पुआल मशरूम की बुआई
Spaning of Paddy Straw Mushroom
मशरूम के बीज को स्पान कहतें हैं।
बीज की गुणवत्ता का उत्पादन पर बहुत असर होता है अत: खुम्बी का बीज या
स्पान अच्छी भरोसेमदं दुकान से ही लेना चाहिए। बीज एक माह से अधिक
पुराना भी नही होना चाहिए। बीज की मात्रा कम्पोस्ट खाद के वजन के 2-5
प्रतिशत के बराबर लें। बीज को रैक में भरी कम्पोस्ट पर बिखेर दें तथा उस पर 2 से 3 सेमी मोटी कम्पोस्ट की एक परत और चढा दे।
बुआई के बाद मशरूम की देखभाल
Post spaning care of Paddy Straw Mushroom
बीजाई के बाद कमरे को
4-5 दिनों तक बंद रखें। कमरे मे पर्याप्त नमी बनाने के लिए कमरे के फर्स व
दीवारों पर भी पानी छिडकें। इस समय कमरे का तापमान 34 से 38 डिग्री
सेंन्टीग्रेड तथा नमी 80 से 85 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए। चार पॉच दिनों
में खुम्बी का कवक जाल पूरी तरह से कम्पोस्ट में फैल जाएगा। इन दिनों
खुम्बी को ताजा हवा नही चाहिए अत: कमरे को बंद ही रखें। कवक जाल के बाद फलनकाय बनता है। फलनकाय की बढवार के लिए ताजी हवा और प्रकाश की जरूरत होती है। इसलिए अब कमरे की खिडकीयां व रोशनदान खोलकर रखें। अगले 3-4 दिनों के लिए कमरे का तापमान 28 से 30 डिग्री तथा आर्द्रता 80 से 85 % के बीच तथा हवा स्थिर रखें। इस समय फलनकाय बनने शुरू हो जाऐगें।
अगले 5-6 दिनों में खुम्बी तोडने लायक हो जाती हैं। जैसे ही खुम्बी की झिल्ली फटने के बाद दिखाई पडे उसको तोडलेना चाहिए।
RAM NAGAR ME KISE KARE MASROOM KI KHETI
ReplyDeleteNAME SACHIN KUMAR VILL MADUWANA POST LAKHANDIH 9648756590