Thursday, 10 May 2012

मशरूम उत्पादन से जुड़कर महिलाएं हो रही हैं, आत्मनिर्भर- Become Self-employed by mushroom farming

                        बोइरगांव में दी जा रही है मध्यान्न भोजन योजना में मुशरूम की सब्जी



पौष्टिकता और लजीज स्वाद मशरूम की एक खास पहचान है। फाइव स्टार होटल से लेकर गांव तक में इसकी मांग है। दिनों दिन इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए जिला पंचायत की पहल पर गरीबी रेखा श्रेणी की ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन के जरिए आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशिक्षित महिलाओं को प्रतिमाह दो से तीन हजार रूपए की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। विकासखंड मैनपुर के बोइरगांव में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन करने वाली महिला समूह द्वारा इसकी पौष्टिकता के कारण स्कूली बच्चों को मशरूम की सब्जी भी देना प्रारंभ किया है।
     मशरूम उत्पादन की सरल प्रक्रिया और भरपूर आमदनी का लाभ ग्रामीण महिलाओं को दिलाने के लिए जिला पंचायत द्वारा अविभाजित रायपुर जिले में गरियाबंद के ग्राम मजरकट्टा, बहेराबुड़ा, पीपरछेडी एवं मैनपुर के बोइरगांव और आरंग के गौरभाठ, गनौद भानसोज, तिल्दा के ग्राम तोहड़ा, अभनपुर के खड़वा और तर्री की गरीब महिलाओं को इस कार्य से जोड़ा गया है। स्वर्ण जयंत्री ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत मशरूम उत्पादन के लिए अक्टूबर 2011 में 167 महिला स्वरोजगारियों को राजधानी रायपुर के समीप ग्राम तेंदुआ में मशरूम प्रोसेसिंग यूनिट में पांच दिन का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं ने गांव में ही मशरूम उत्पादन शुरू कर दिया है। मशरूम उत्पादन की गतिविधियों को संचालित करने के लिए अधोसंरचना मद से ढाई-ढाई लाख रूपए की लागत से मशरूम उत्पादन केन्द्र भी बनाया जाएगा। इसके अलावा मैनपुर में मशरूम लैब भी प्रारंभ किया जाएगा जहां मशरूम बीज का उत्पादन हो सकेगा।
    मशरूम उत्पादन से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि मैनपुर और गरियाबंद का मौसम मशरूम उत्पादन के लिए अनुकूल है। महिलाओं के मन माफिक काम होने की वजह से इस कार्य में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती। इसकी देखभाल करना भी आसान है। बाजार में इसकी खपत की समस्या नहीं है। शहरों में डेढ से दो सौ रूपए किलो में आसानी से बिक जाता है। गांव के साप्ताहिक हाट-बाजारों में भी इसकी खपत है इस सुखाकर पाउडर के रूप में रखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि गरियाबंद और मैनपुर के समूहों ने रायपुर के विज्ञान महाविद्यालय में खाद्य प्रसंस्करण प्रदर्शनी मे भी स्टाल लगाया गया था। मशरूम उत्पादन से गरियाबंद में तीन, मैनपुर में 5, आरंग में 2, तिल्दा में 2 और अभनपुर में 2 समूहों को जोड़ा गया है।

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