Saturday, 12 May 2012

मशरूम की खेती जाड़े में लाभप्रद- Mushroom Cultivation in india

स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रशासनिक भवन में पिछले छह दिनों से जारी किसानों का प्रशिक्षण सोमवार को संपन्न हो गया। समापन के अवसर पर किसानों को पिछले छह दिनों में दी गयी जानकारी की समीक्षा की गयी। साथ ही मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक जानकारी दी गयी। प्रतिभागी किसानों को बताया गया कि मशरूम की खेती जाड़े के मौसम में लाभप्रद है। इस मौसम में खंभी एवं बटन नामक मशरूम की खेती की जाती है। किसान मशरूम की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते है। कृषि वैज्ञानिक के.के.सिंह ने बताया कि खंभी मशरूम की खेती के लिये पुआल को छोटे-छोटे टुकड़ो में काटकर 12 घंटे तक वेवस्टीन के घोल में उपचारित किया जाना चाहिए। इसके पश्चात पानी से छान कर सूखे हुये पुआल में डेढ़ सौ से 180 ग्राम मशरूम का बीज प्रति किग्रा की दर से मिलाकर पालीथीन में भर दिया जाता है। और उसे अंधेरे कमरे में आठ से दस दिनों तक के लिए छोड़ दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुआल के चारो ओर मशरूम कवक का जाल तैयार हो जाता है। कवक जाल तैयार होने के पश्चात पुआल से पालीथीन को हटा कर रोशनदार कमरे में रखना चाहिए। साथ ही नमी बनाये रखने के लिये समय-समय पर पानी का छिड़काव करने रहना चाहिए ताकि 80 से 90 प्रतिशत नमी बनी रहे। यह प्रक्रिया एक सप्ताह तक जारी रखनी चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे मशरूम का फलन होना प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने बताया कि 15-20 रूपये प्रति बैग की लागत पर 70 से 80 रूपये का मुनाफा अर्जित किया जा सकता है। प्रशिक्षण में प्रवीण कुमार पंडित, सुबोध कुमार चौधरी, सुभाष झा, मंजु झा, शोभा सहित 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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