मोरनी क्षेत्र के किसानों के लिए जल्द ही मशरूम की खेती बारह मास होने लगेगी। अब यहां के किसान हर मौसम में मशरूम का उत्पादन कर चांदी कूटेंगें ।
पहले प्रशासन व प्रदेश सरकार के सहयोग से यहां पर अनुदान आधार पर बटन मशरूम किसानो द्वारा बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है । मगर किसानों के पास यह खेती केवल सर्दी के मौसम तक ही सीमित रही, जिसके चलते बाकि के महीनो में ऐसे मंझोले स्तर के किसान हाथ पर हाथ धर खाली बैठने को विवश थे।
मगर अब यहां पर मिल्की व डिंगरी मशरूम की दो ऐसी किस्मों के उत्पादन को तैयार की जा रही है जो ने केवल हर सीजन मे तैयार मे की जा सकती है बल्कि इन्हें 30 से 35 डिग्री तापमान में भी उगाया जा सकेगा । इससे इस मशरूम के उत्पादन के साथ लगते ऐसे शहरी क्षेत्र भी मशरूम की खेती से लाभ कमा सकते है जहां का तापमान पहाड़ी क्षेत्र से ज्यादा होता है ।
मोरनी के श्यामू गांव में लंबे समय से चल रहे मशरूम कंपोस्ट उत्पादन केंद्र की संचालिका रश्मी शर्मा ने बताया कि उनके यहां पर बटन मशरूम का ही उत्पादन किया जाता रहा है । मगर किसानों को इसके उगाने के लिए सर्दी के मौसम की बाट जोहनी पड़ती थी क्योंकि बटन मशरूम को उगाने के लिए काफी ठंडा तापमान चाहिए होता था । मगर अब उनके के ंद्र में हर मौसम के हिसाब से मशरूम की दो अलग किस्में उगाने का प्ररीक्षण किया जो उनके यहां पर कामयाब रहा है, अब उनके केन्द्र में इस मशरूम के उत्पादन के लिए किसान उनसे संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह मशरूम हर मौसम में उगाई जा सकेगी । इसको ज्यादा तापमान में भी उगाया जाना संभव है। उन्होंने कहा कि इस मशरूम के उत्पादन को भी सरकार को सपोर्ट करना चाहिए।
उधर जिला उद्याान अधिकारी भोजराज शर्मा ने बताया कि इस मशरूम की पैदावार अभी उत्तर भारत के कुछ ही क्षेत्रों में होता है बारह मास उगने वाले मशरूम के उत्पादन मे सरकारी सहायता के लिए वह उच्च स्तर पर प्रयास करेंगे।
पहले प्रशासन व प्रदेश सरकार के सहयोग से यहां पर अनुदान आधार पर बटन मशरूम किसानो द्वारा बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है । मगर किसानों के पास यह खेती केवल सर्दी के मौसम तक ही सीमित रही, जिसके चलते बाकि के महीनो में ऐसे मंझोले स्तर के किसान हाथ पर हाथ धर खाली बैठने को विवश थे।
मगर अब यहां पर मिल्की व डिंगरी मशरूम की दो ऐसी किस्मों के उत्पादन को तैयार की जा रही है जो ने केवल हर सीजन मे तैयार मे की जा सकती है बल्कि इन्हें 30 से 35 डिग्री तापमान में भी उगाया जा सकेगा । इससे इस मशरूम के उत्पादन के साथ लगते ऐसे शहरी क्षेत्र भी मशरूम की खेती से लाभ कमा सकते है जहां का तापमान पहाड़ी क्षेत्र से ज्यादा होता है ।
मोरनी के श्यामू गांव में लंबे समय से चल रहे मशरूम कंपोस्ट उत्पादन केंद्र की संचालिका रश्मी शर्मा ने बताया कि उनके यहां पर बटन मशरूम का ही उत्पादन किया जाता रहा है । मगर किसानों को इसके उगाने के लिए सर्दी के मौसम की बाट जोहनी पड़ती थी क्योंकि बटन मशरूम को उगाने के लिए काफी ठंडा तापमान चाहिए होता था । मगर अब उनके के ंद्र में हर मौसम के हिसाब से मशरूम की दो अलग किस्में उगाने का प्ररीक्षण किया जो उनके यहां पर कामयाब रहा है, अब उनके केन्द्र में इस मशरूम के उत्पादन के लिए किसान उनसे संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह मशरूम हर मौसम में उगाई जा सकेगी । इसको ज्यादा तापमान में भी उगाया जाना संभव है। उन्होंने कहा कि इस मशरूम के उत्पादन को भी सरकार को सपोर्ट करना चाहिए।
उधर जिला उद्याान अधिकारी भोजराज शर्मा ने बताया कि इस मशरूम की पैदावार अभी उत्तर भारत के कुछ ही क्षेत्रों में होता है बारह मास उगने वाले मशरूम के उत्पादन मे सरकारी सहायता के लिए वह उच्च स्तर पर प्रयास करेंगे।
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