बांका, हमारे प्रतिनिधि : बांका मशरूम की खेती के लिए नया हब बन रहा है। साधारण मशरूम उत्पादन में बाजी मारने के बाद अब यहां अगले सीजन से बटन मशरूम का उत्पादन शुरू किया जाएगा। जिसकी बाजार कीमत और मांग काफी अधिक है। कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉ. विनोद कुमार ने रविवार को झिरवा में मशरूम की देखभाल संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बांका की जलवायु मशरूम उत्पादन के लिए काफी उपयुक्त साबित हो रही है। बटन मशरूम का उत्पादन शुरू होने पर बड़ी संख्या में किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इस प्रशिक्षण में मशरूम सलाहकार कमलेश पाठक सहित केवीके के कई वैज्ञानिक भी वहां मौजूद थे। वैज्ञानिकों ने गांव में मशरूम के किए गए प्रत्यक्षण का भी जायजा लिया। गांव की विनिता कुमारी ने सबसे पहले विनिता मशरूम समूह गठित कर दो बैग मशरूम का उत्पादन किया था। जिसकी प्रेरणा से आज गांव में 150 बैग मशरूम का उत्पादन हो रहा है। प्रति बैग मशरूम उत्पादन में महिलाओं को 20-25 रुपया लागत पड़ रहा है। प्रति बैग ढाई से तीन किलो उत्पादन के हिसाब से महिलाओं को तीन सौ रुपया तक की आमदनी हो रही है। डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि बटन मशरूम की खेती के इच्छुक किसान इसके लिए केवीके में आवेदन कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
Saturday 12 May 2012
बटन मशरूम की खेती- Button Mushroom Cultivation
बांका, हमारे प्रतिनिधि : बांका मशरूम की खेती के लिए नया हब बन रहा है। साधारण मशरूम उत्पादन में बाजी मारने के बाद अब यहां अगले सीजन से बटन मशरूम का उत्पादन शुरू किया जाएगा। जिसकी बाजार कीमत और मांग काफी अधिक है। कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉ. विनोद कुमार ने रविवार को झिरवा में मशरूम की देखभाल संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बांका की जलवायु मशरूम उत्पादन के लिए काफी उपयुक्त साबित हो रही है। बटन मशरूम का उत्पादन शुरू होने पर बड़ी संख्या में किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इस प्रशिक्षण में मशरूम सलाहकार कमलेश पाठक सहित केवीके के कई वैज्ञानिक भी वहां मौजूद थे। वैज्ञानिकों ने गांव में मशरूम के किए गए प्रत्यक्षण का भी जायजा लिया। गांव की विनिता कुमारी ने सबसे पहले विनिता मशरूम समूह गठित कर दो बैग मशरूम का उत्पादन किया था। जिसकी प्रेरणा से आज गांव में 150 बैग मशरूम का उत्पादन हो रहा है। प्रति बैग मशरूम उत्पादन में महिलाओं को 20-25 रुपया लागत पड़ रहा है। प्रति बैग ढाई से तीन किलो उत्पादन के हिसाब से महिलाओं को तीन सौ रुपया तक की आमदनी हो रही है। डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि बटन मशरूम की खेती के इच्छुक किसान इसके लिए केवीके में आवेदन कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
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